फलों की मण्डी से गुज़रते हुए
जब मुझे दिखी
सेबों की ठिलिया के ऊपर
लगे बल्ब में
चढ़ी लाल पन्नी
तो सहसा
मेरे दिमाग में ये ख्याल आया
क़ि इस पन्नी ने
भर दिया है
पूरे मंज़र को
एक बनावटीपन से
अब तो तुम
समझ ही गयी होगी
की मैं तुम्हे
क्यों mana करता हूं
अपने पहले से ही
लाल गालों पे
लाली मलने से
अब भला कश्मीरी सेबों को
(जिनके मुकाबले में कोई नहीं)
क्या ज़रुरत है
खुद को साबित करने के लिए
नकली लालिमा ओढने की...........
जब मुझे दिखी
सेबों की ठिलिया के ऊपर
लगे बल्ब में
चढ़ी लाल पन्नी
तो सहसा
मेरे दिमाग में ये ख्याल आया
क़ि इस पन्नी ने
भर दिया है
पूरे मंज़र को
एक बनावटीपन से
अब तो तुम
समझ ही गयी होगी
की मैं तुम्हे
क्यों mana करता हूं
अपने पहले से ही
लाल गालों पे
लाली मलने से
अब भला कश्मीरी सेबों को
(जिनके मुकाबले में कोई नहीं)
क्या ज़रुरत है
खुद को साबित करने के लिए
नकली लालिमा ओढने की...........
हाय हाय हाय हाय
ReplyDeleteक्या कह दिया ............
वाह वाह !
awwwwesome....too good, as always.
ReplyDelete.
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by the way, remember me?
:)