अमन के रंग से रंग दें चलो इस बार की होली
अमन के रंग से रंग दें
चलो इस बार की होली
मिटा कर भेद मिल जाएँ
कोई मज़हब हो या बोली
करें आओ दुआ मिलकर
क़ि इस धरती के सीने पर
खिलें हों फूल हर ज़ानिब
ना हो बंदूक ना गोली
मिटा दो दाग नफ़रत के
उड़ा दो रंग खुशियों के
लगा दो सबके माथे पर
गुलाल-ए-इश्क़ की रोली
अमन के रंग से रंग दें
चलो इस बार की होली
bahut badhiya... Wish your wishes come true !!!
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