Thursday, August 27, 2009

मदद

किसी को
की हुई मदद के
गिनवाते ही
ख़त्म हो जाता है
उस मदद से मिलने वाले
पुण्य का लाभ
ऐसा करते ही
आपका बड़प्पन
(जो आपके मन का
बनाया हुआ
एक छद्म भर है)
ध्वस्त हो जाता है
और आप
उसी व्यक्ति के
समानांतर आ जाते हैं

इसलिए
मदद करने से पहले
हमे भूल जाना होगा
भविष्य मे कभी
उस मदद को
गिनवाने के लोभ को
क्योंकि बदले मे
कुछ चाहने की
इच्छा रखने वाली मदद
मदद नही होती
बल्कि सिर्फ़
मज़बूरियों का
सौदा होती है.................

1 comment:

  1. nice one but this could have been better, sorry but I still feel that bus wali ladki was a masterpeice from you end......

    with luv,
    Abhi

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