Tuesday, July 26, 2011

मगर सूरज चाय नही पीता

हम तो उठते ही
सुबह सुबह पी लेते हैं चाय
करने के लिए दूर
रात की खुमारी को

मगर सूरज
चाय नही पीता
तो जानती हो
वो कैसे भगाता है
अपनी अधखुली आँखों से
बची-खुची नींद को
उठने के साथ साथ
वो सबसे पहले चूमता है
तुम्हारा माथा

अब समझ आया
कि अभी जब
सुस्ता ही रहा होता है
अंधेरा
मोहल्ले के बाकी घरों मे
तो कैसे तुम्हारी खिड़की पर
खेलने लगती हैं
ऊषा की किरणें

क्योंकि
तुमसे ही पाता है
सूरज
अंधकार से
लड़ने की ऊर्जा

3 comments:

  1. क्योंकि
    तुमसे ही पाता है
    सूरज
    अंधकार से
    लड़ने की ऊर्जा

    बहुत खूब योगेश!

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  2. sabas verey nice.

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