किसी अड़ियल
किरायदारिन की तरह
जिस्म पर
क़ब्ज़ा किए बैठी है
जान
कितने ही नोटीस भिजवाए
मगर ये
घर खाली करने का
नाम ही नही लेती
दिन-रात
ज़हन की दीवार पर
साँस की एक कील
ठोकती रहती है बस
पता है,जिस रोज़
मेरे नाम हुआ था
ये जिस्म
उसी रोज़ पता नही
इसे कैसे पता चल गया
और इसने अपना सारा सामान
पहले से ही भर लिया
मेरे घर मे
सिर्फ़ इतना ही नही
ज़िंदगी का पूरा
कारखाना ही खोल दिया
(दिल,दिमाग़,फेफड़े वग़ैरह
जाने कैसे कैसे
भयानक उपयंत्रा लगा दिए)
मैने भी सोचा
कि शायद
कुछ दिन के बाद
ये खुद ही बदल लेगी
अपना ठिकाना
मगर उस रोज़ से आज तक
यहीं बनी हुई है
मेरे भीतर
अब इतने पुराने किरायेदार को तो
आप यूँ ही
बाहर नही निकाल सकते
इस मामले मे तो
क़ानून भी इतना सख़्त है
(हथकड़ियाँ तक लग सकतीं हैं आपको)
अच्छा,
कारखाना भी ऐसा है
जो कभी बंद नही होता
भले ही शहर भर मे
करफ्यू लगा हो
मेरी इस किरायदारिन को
कोई फ़र्क नही पड़ता
इसकी मशीन
कभी बंद नही होतीं
कई बार नींद से उठकर
इसके कमरे की दीवार पर
टेक लगाकर सुनता हूँ
ये किरायेदारिन
तब भी जागती रहती है
पता नही
कितनी क्षमता है इसमे
जो इतने सालों से लगातार
जिस्म के इंजिन मे
साँस का ईधन झोंक रही है
कभी कभी
इसकी ये लगन देखकर
बड़ी इज़्ज़त पैदा होती है
इसके लिए
मगर उसके ठीक अगले पल ही
फिर जाग जाता है
मेरे भीतर का मकान-मालिक
तो बस ऐसे ही
लड़ते झगड़ते रहते हैं
हम लोग
ये अपनी
चौखट पर आ जाती है
और मैं
अपने बरामदे मे
खूब खरी खोटी सुनाते हैं
एक दूसरे को
ताने मारते हैं
पर कहीं ना कहीं
हमारे इन तानों मे भी
एक दूसरे के लिए
हमदर्दी छुपी रहती है
हो भी क्यूँ ना
ना तो इसका ही कोई
जानने वाला है
और ना ही मेरा
हमसे मिलने भी कोई नही आता
और ठीक ही तो है
एक संकरे से घर मे
रहने वाले
दो लोगों के बीच
ऐसा ही रिश्ता तो
होता है.........
bhai kya baat hai !
ReplyDeletewaah waah
badhai
bahut bahut shukriya aapka.
Deletebahut hi jaandaar rachna hai, nayapan liye hue, meri shubh kaamnayen makan malik aur kirayedarin donon ke liye , donon aise hi ladte jhagadte rahen, pyaar bhi bana rahega.
ReplyDeletebahut bahut shukriya swapn ji aapka.
DeleteWaah..... Sachai ki jameen pe khadi ek umdaa nazm!!
ReplyDeletebahut bahut shukriya Meynur ji aapka
Delete