हर कवि
कविता रचने के दौरान
गुज़रता है
कविता के पैदा होने की
प्रसव पीड़ा से
कविता पूरी होने के बाद
जब वो पहली बार देखता है
काग़ज़ पर अंगड़ाई लेती हुई
पूरी कविता को
तो उसकी आँखों मे तैरती खुशी का चेहरा
हू-ब-हू मिलता है
एक ही पल पहले बनी
माँ की आँखों की खुशी से
गनीमत है की अब तक
सरकार ने इसपर
नही जारी किया है
कोई फरमान नसबंदी का..............
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