Monday, April 6, 2009

नसबंदी

हर कवि
कविता रचने के दौरान
गुज़रता है
कविता के पैदा होने की
प्रसव पीड़ा से

कविता पूरी होने के बाद
जब वो पहली बार देखता है
काग़ज़ पर अंगड़ाई लेती हुई
पूरी कविता को
तो उसकी आँखों मे तैरती खुशी का चेहरा
हू-ब-हू मिलता है
एक ही पल पहले बनी
माँ की आँखों की खुशी से

गनीमत है की अब तक
सरकार ने इसपर
नही जारी किया है
कोई फरमान नसबंदी का..............

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