Monday, April 6, 2009

मेरी किस्मत संवार जाए

मुझे बिंदी बनाकर तुम,लगा लो अपने माथे पे
मेरा भी मान बढ़ जाए,तेरा भी रूप खिल जाए

बनाकर फूल मुझको तुम,लगा लो जुल्फ मे अपनी
मुझे आशियाँ मिल जाए,तुम्हारी जुल्फ इतराए

मुझे पिघला के कंगन मे,पहन लो हाथ मे अपने
मुझे भी चैन मिल जाए,तेरी छन-छन संवर जाए

बड़ी है आरज़ू तेरे,गले का हार बनने की
अगर देखे तुझे जो वो,फलक का चाँद जल जाए

अगर कुछ भी नही तो फिर,बनालो आँख का काजल
मुझे हर वक़्त तू अपनी,नज़र के पास ही पाए

अगर ये भी नही तो फिर,करो इतना तो कम से कम
बनाकर धूल ही रख लो,मेरी किस्मत संवर जाए

4 comments:

  1. kash....मेरी किस्मत संवर जाए ....har kisi ki chahat.Great dhyani

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  2. wha re mere desi brayn adams.... maan gaye....

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  3. मेरी किस्मत संवर जाए

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  4. ultimate .......gajab ka khumar hai ghazal hai !!

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