बावरे से मन की देखो बावरी हैं बातें
बारिश अभी बहुत दूर हैफिर क्यों इन आँखों नेटपकना शुरू कर दिया हैअभी से.......तुम तोबड़ा ख़याल रखते हो नामौसमों काबेमौसमकभी नही आतेज़राअपनी इस याद को भीसिखा दोयही मौसमी तहज़ीब......
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